प्रतियोगिता विषय--ख़्याल (*मौका मिला है परिवार के साथ जुड़ने का*)
बदला हुआ परिवेश देख मन द्रवित होता
मन में आया ख्याल* कुछ लिखने का
बस बंद करो बहुत हुई आपसी कलह
क्या मिलेगा तुम्हें परिवार तोड़ने का ?
आज है विश्व परिवार दिवस
मौका मिला है परिवार के साथ जुड़ने का
संयुक्त परिवार तो बचे नहीं
एकल परिवारों में भी घुलता जहर
कुछ दुष्ट आकर फूट डाल जाते हैं अपनों के बीच
बरसाकर बेइज्जती बेईमानी का कहर
दिन पर दिन रिश्तों में क्यों आ रही दूरियां
कौन बनेगा माध्यम परिवार को जोड़ने का ?
कभी नौकरी की चाह ,
तो कहीं है आजादी की राह
नैतिकता संस्कारों को भूलकर क्यों
हम अपनाने लगे बेईमानी की राह
बुजुर्गों के संस्कारों को दरकिनार कर दिया
क्या यही कर्ज़ उतार रहें हम उनके पालने का ?
समाज में घटती नैतिकता के दुष्परिणाम
सभी के परिवार बिखर रहे चाहे खास हों या आम
क्या फायदा तुम्हारे ऐसे बाहरी दान पुण्य का ?
जब परिवार के लोग ही खानें को तरस रहे
बाहर के लिए खजाने खोलने का
लौटा दो बच्चों को दादी बाबा का प्यार
बच्चें भी बड़ों बड़ों के सानिध्य में रहकर सीखें संस्कार
अपने बुजुर्ग माता-पिता भाई-बहन के संग
रहकर व्यक्त करें अपना आभार
मौका मिला है परिवार के साथ जुड़ने का
विश्व परिवार दिवस मनाकर फिर जोड़ें
अपना बिखरा परिवार
पड़ रही हैं जो परिवारों में गांठ
उन गांठों को खोलकर बच्चों को
पढ़ाओं नैतिकता का पाठ
आओ मिलकर हम मनाएं
विश्व परिवार दिवस की वर्षगांठ
एकता के मन में रहता ये ख्याल*
कि सभी परिवार रहें प्यार से साथ
स्वरचित एवं मौलिक रचना
---एकता गुप्ता "काव्या"
उन्नाव उत्तर प्रदेश
Farida
16-May-2022 08:23 PM
👌👌👌
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Neha syed
16-May-2022 07:32 PM
Nice
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Haaya meer
16-May-2022 07:21 PM
Very nice
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